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जैव संवर्धित गांव अनूपपुर में मनाया गया विश्व दलहन दिवस : कानपुर नगर

जैव संवर्धित गांव अनूपपुर में मनाया गया विश्व दलहन दिवस : कानपुर नगर

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चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय कानपुर के अधीन संचालित कृषि विज्ञान केंद्र दलीप नगर द्वारा जैव संवर्धित गांव अनूपपुर में आज विश्व दलहन दिवस मनाया गया।

विश्वविद्यालय के कुलपति डॉक्टर डीआर सिंह ने अपने संदेश में कहा कि उत्तर प्रदेश में दलहन का  क्षेत्रफल 22.90 लाख हेक्टेयर तथा उत्पादन 23.07 लाख टन एवं उत्पादकता 10.51 कुंतल प्रति हेक्टेयर है।

जबकि देश में दलहन का क्षेत्रफल लगभग 28.99 मिलीयन हेक्टेयर तथा उत्पादन 24.42 मीट्रिक टन एवं उत्पादकता 8.42 कुंतल प्रति हेक्टेयर है। उन्होंने कहा दलहन के क्षेत्र में हमारा देश आत्मनिर्भर हो गया है।

इस अवसर पर केंद्र के अध्यक्ष/ वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ अशोक कुमार ने कहा कि विश्व दलहन दिवस का आयोजन विश्व भर में 10 फरवरी को आयोजित किया जाता है जिसका उद्देश्य टिकाऊ खाद्य उत्पादन के रूप में दालों के पोषण उनके महत्व और पर्यावरणीय लाभों के बारे में जागरूक करना है।

डॉ कुमार ने अपने संबोधन में कहा कि विश्व दलहन दिवस खाद्य और कृषि संगठन के सहयोग से संयुक्त राष्ट्र द्वारा प्रायोजित एक वैश्विक कार्यक्रम है। उन्होंने बताया कि साल 2022 के लिए विश्व दलहन दिवस की थीम "युवाओं को टिकाऊ कृषि खाद्य प्रणाली प्राप्त करने में, सशक्त बनाने के लिए दालें" निर्धारित की गई है। और आज का कार्यक्रम इसी विषय पर केंद्रित है।

उन्होंने कहा कि आज की जीवन चर्या में लोग फास्ट फूड को ज्यादा महत्व देने लगे हैं।और इसका प्रभाव लोगों के विशेषकर बच्चों और युवा वर्ग के स्वास्थ्य पर पड़ रहा है। उन्होंने बताया कि लोगों के स्वास्थ्य और खाद्य सुरक्षा के लिए दालें कितनी आवश्यक है इसीलिए इस दिवस को मनाया जा रहा है। इस अवसर पर केंद्र के मृदा वैज्ञानिक डॉ खलील खान ने कहा कि दालें अत्यधिक पौष्टिक होने के साथ-साथ प्रोटीन का समृद्ध स्रोत भी है जो शरीर पर कई सकारात्मक प्रभाव डालता है। डॉक्टर खान ने बताया कि दलहनी फसलों की जड़ों में उपस्थित राइजोबियम जीवाणु वायुमंडलीय नाइट्रोजन को अवशोषित कर मृदा की उर्वरा शक्ति को बढ़ाती हैं। उन्होंने कहा कि जलवायु परिवर्तन के दौर में फसलों के विविधीकरण तथा खेती के क्षेत्र में नवाचार आवश्यक है। जिससे महंगी फसलों के प्रति आकर्षण, तकनीकों के इस्तेमाल व बाजार की उपलब्धता से किसानों की आय में वृद्धि हो और किसान आत्मनिर्भर बने। इस अवसर पर केंद्र के पशुपालन वैज्ञानिक डॉ शशिकांत ने बताया कि पशु पालन व दुग्ध उत्पादन कर किसान अपनी आय में बढ़ोतरी कर सकते हैं। इस अवसर पर  केंद्र के वैज्ञानिक डॉ अजय कुमार सिंह एवं डॉक्टर निमिषा अवस्थी ने भी संबोधित किया। निदेशक प्रसार/ समन्वयक डॉ एके सिंह ने बताया कि विश्वविद्यालय के अधीन संचालित समस्त कृषि विज्ञान केंद्रों द्वारा विश्व दलहन दिवस आयोजित किया गया जिसमें महिलाओं को दाल के विभिन्न उत्पाद बनाने की विधियों के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई।


रिपोर्ट :- डॉ खलील खान, मीडिया प्रभारी CSAU

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