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सेंगर प्रकरण केस में पीड़िता के चाचा को पुलिस तिहाड़ से न्यायालय लाई

सेंगर प्रकरण केस में पीड़िता के चाचा को पुलिस तिहाड़ से न्यायालय लाई

ब्रेकिंग न्यूज

उन्नाव। सजायाफ्ता कुलदीप सेंगर प्रकरण में दुष्कर्म पीड़िता के चाचा को दिल्ली पुलिस तिहाड़ जेल से न्यायालय लेकर आई। पीड़िता के पिता की हत्या में सजायाफ्ता तत्कालीन विवेचक को भी न्यायालय में पेश किया गया। पीड़िता के चाचा ने कोर्ट में अर्जी देकर खुद ही अपना मुकदमा लड़ने की इच्छा जताई है। उसके वकील ने एक अक्तूबर को सुरक्षा कारणों से मुकदमा न लड़ने का प्रार्थनापत्र देकर वकालतनामा वापस मांगा था। सोमवार को अधिवक्ताओं के न्यायिक कार्य से विरत रहने के कारण मुकदमे की सुनवाई नहीं हो सकी। अगली पेशी 26 अक्तूबर को होगी।

माखी थाना क्षेत्र में 30 अक्तूबर 2017 को कुलदीप सेंगर पक्ष के माखी गांव निवासी विनोद मिश्रा ने दुष्कर्म पीड़िता के चाचा व एक अज्ञात के खिलाफ जानलेवा हमला करने का मुकदमा दर्ज कराया था। विनोद मिश्र का आरोप था कि पीड़िता का चाचा अपने साथी के साथ मिलकर गांव में कुलदीप सेंगर के खिलाफ आपत्तिजनक पर्चे छपवाकर बटवा रहा था। उनके विरोध करने पर पीड़िता के चाचा ने जानलेवा हमले की नीयत से फायर झोंक दिया। पुलिस ने इस मुकदमे में 2019 में आरोप पत्र न्यायालय में दाखिल किया था। इस मामले के अलावा दस्तावेजों में कूटरचना के एक अन्य मुकदमे में चाचा व पीड़िता के पिता की हत्या में नामजद विवेचक केपी सिंह को सोमवार को अपर न्यायाधीश 6 आलोक शर्मा की कोर्ट में पेश किया गया। दुष्कर्म पीड़िता के चाचा ने कोर्ट में एक पत्र देकर कहा कि सजायाप्ता पूर्व विधायक कुलदीप सेंगर के दबाव में कोई वकील उसका मुकदमा नहीं लड़ना चाहता है। उसने पत्र में अपना मुकदमा खुद लड़ने की इच्छा जताई।

पेशी पर चाचा से मिलने पहुंची दुष्कर्म पीड़िता की बहन व अन्य परिजनों को दिल्ली पुलिस ने मिलने नहीं दिया। इस पर परिजनों की दिल्ली पुलिस से नोकझाेंक हुई। हालांकि दिल्ली पुलिस ने किसी को भी चाचा से मिलने नहीं दिया।

पेशी पर सजायाप्ता कुलदीप सेंगर के भाई अतुल सेंगर को भी लाया जाना था। इस पर पुलिस ने सुबह से ही कोर्ट परिसर को छावनी में तब्दील कर दिया। हालांकि अतुल सेंगर को किन्हीं कारणों से पेशी पर नहीं लाया जा सका। दुष्कर्म पीड़िता के चाचा व सजायाप्ता विवेचक दरोगा केपी सिंह को लेक दिल्ली पुलिस के कोर्ट पहुंचने स्थानीय पुलिस ने उन्हें अपने सुरक्षा घेरे में ले लिया।

पिछली तारीख पर न्यायालय में अपना वकालतनामा वापस लेने का प्रार्थनापत्र दे चुके पीड़िता के चाचा के अधिवक्ता कृपाशंकर सिंह ने बताया कि सोमवार को अधिवक्ताओं का कार्य बहिष्कार था। इसलिए वह न्यायालय नहीं गए। सुरक्षा कारणों से वह अपना वकालतनामा वापस लेकर मुकदमा छोड़ना चाहते हैं।


रिपोर्ट :- आशीष विश्वकर्मा, रिपोर्टर

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