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गंगा उफान पर, सैकड़ों बीघा डूबीं फसलें,बाढ़ के पानी से जलमग्न नानामऊ श्मशान घाट : उन्नाव

गंगा उफान पर, सैकड़ों बीघा डूबीं फसलें,बाढ़ के पानी से जलमग्न नानामऊ श्मशान घाट : उन्नाव

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उन्नाव। नरौरा से छोड़े गए पानी के बाद गंगा उफान पर हैं। लगातार बढ़ रहे जलस्तर से अब खतरे का निशान महज 48 सेमी दूर रह गया है। खतरे का निशान 113 मीटर है। सोमवार शाम 6 बजे जलस्तर 112.520 मीटर रिकार्ड किया गया। बाढ़ आने की आशंका से ग्रामीणों में दहशत है। सैकड़ों बीघे में बोई गई फसलें डूब गई हैं। गांवों में नावों से आवागमन होने लगा है। लोग दिन रात बढ़ते जलस्तर पर नजर रख रहे हैं।

अचलगंज गंगा के बढ़े जलस्तर से बलाई, पंचमपुर, घसिलपुर, मझरा टेढ़वा सबसे ज्यादा प्रभावित होने वाले गांव हैं। मझरा कोलुहागाढ़ा के बीच से निकले नाले में पानी आ जाने से रास्ता बंद हो गया है। गंगा किनारे की फसलें भी डूब गई हैं। बलाई प्रधान राम सिंह ने बताया कि लगातार दो दिनों से पानी बढ़ रहा है। गंगा नदी के बीच के क्षेत्र में बोई गई फसलों को नुकसान हो रहा है।

सदर सदर तहसील के गंगा किनारे बसे माना बंगला, बाबू बंगला, बंदनपुरवा, लालतुपुरवा, पनपथा, धनकुखेड़ा, कोलवा, जुड़ापुरवा, पटियारा, महानंदपुरवा, बेनीपुरवा, टेपरा व अतरी गांवों के पास पानी पहुंच गया है। ग्रामीण गांव के आसपास पानी भरने से खेत जाने के लिए नाव का सहारा ले रहे हैं। बढ़ते जलस्तर को देखते हुए लोग अपनी गृहस्थी भी समेटने लगे हैं।

बांगरमऊ के फरीदपुर कट्टर, ठाकुरिया पुरवा, खैरूद्दीनपुर, सेतुवाही, धन्नापुरवा, मल्लाहनपुरवा, नयागांव के जगन्नाथ, ऊदन, राजाराम, गंगा प्रसाद, मनोज कुमार, सोबरनलाल, नंदराम, परमेश्वर की 100 बीघा से अधिक में बोई गई आलू, सरसों तथा सब्जी की फसलें जलमग्न हो गई हैं। नानामऊघाट पर शव जलाने के लिए बना चबूतरा भी गंगा नदी के पानी में डूब गया। विधायक श्रीकांत कटियार ने ग्राम सेतुवाही, मल्लाहनपुरवा, धन्नापुरवा व नयागांव का स्थलीय निरीक्षण किया। किसानों ने फसल जलमग्न होने की जानकारी दी। मल्लाहनपुरवा, धन्नापुरवा व नयागांव के गांवों के आसपास पानी भर जाने पर लोगों को आवागमन में हो रही दिक्कतों को देखकर विधायक ने तहसीलदार तरुण प्रताप सिंह को बुलाकर नाव की व्यवस्था करने व लेखपाल द्वारा फसलों के नुकसान का आंकलन कराने को कहा। विधायक ने ग्रामीणों से कहा कि यदि पानी आगे बढ़ता है तो तुरंत प्रशासन और उन्हें फोन पर जानकारी दें। हर संभव मदद की जाएगी।

फतेहपुर चौरासी के ग्राम पंचायत जाजामऊ एहतमाली का मजरा नया बंगला गांव टापू बन गया है। रामबहादुर, लालू, रामदुलारे, राजू, रामदीन, कल्लू आदि ग्रामीण घर छोड़कर कालीमिट्टी शिवराजपुर मार्ग पर आ रहे हैं। वहीं कुसेहर बंगला में भी पानी गांव के अंदर पहुंचने लगा है। गांव वाले बांध बना कर पानी रोकने का प्रयास कर रहे हैं। हिंदूपुर कटान पर पानी में जलकुंभी की अधिकता से नावों का संचालन भी प्रभावित हो रहा है। बांगरमऊ तहसीलदार तरुण प्रताप सिंह ने लेखपाल विवेक कुमार के साथ कुसेहर बंगला पहुंच कर ग्रामीणों को सतर्क रहने की सलाह दी। कहा कि यदि पानी घरों में आने लगे तो तत्काल सुरक्षित जगह बनाई गई बाढ़ चौकी पहुंच जाएं। गंगा कटरी के मन्नानगरी, कबूलपुर, चिरंजूपुरवा, दबौली बाजार के रास्तों में भी पानी आ गया है जिससे लोगों को परेशानी उठानी पड़ रही है।

बीघापुर के ग्रामसभा गढ़ेवा के निकट गंगा नदी पर बने पुल का गांव से जोड़ने वाला संपर्क मार्ग रविवार को गंगा कटान के चलते क्षतिग्रस्त हो गया था। सोमवार को पीडब्ल्यूडी के कर्मचारियों ने झाड़ व बबूल की डालियों को डालकर सड़क की कटान को रोका। सोमवार को सड़क कटान नहीं हुई। इससे छोटे वाहनों का आवागमन शुरू हो गया। पीडब्ल्यूडी के सहायक अभियंता रितेश कटियार ने बताया कि रोड के किनारे खड़ी झाड़ियों व बबूल के पेड़ों को डालकर कटान रोकने के प्रयास किए गए हैं। बड़े वाहनों के आवागमन पर अभी प्रतिबंध है। गंगा के बढ़ते जलस्तर से गढ़ेवा ग्राम निवासी राममिलन सिंह, केशव गुप्ता व उमाशंकर लोधी ने बताया कि गंगा का पानी गांव के किनारे आ गया है। सहिबीखेड़ा, करमी व भागूखेड़ा की सैकड़ों बीघे में बोई गई फसल पूरी तरह से नष्ट हो गई है।

सफीपुर एसडीएम राजेंद्र कुमार ने बाढ़ प्रभावित जमालनगर गांव के पास बने पुल के ऊपर से पानी निकलने पर लोगों के आवागमन के लिए दो नाव की व्यवस्था कराई। एसडीएम ने बाढ़ प्रभावित गांव रामपुर, जमलनगर, भदेरा, रूपपुर, ददलहा का निरीक्षण किया। गांवों के समीप पानी आ जाने से एसडीएम ने लेखपालों की टीम बनाकर निगरानी के लिए कहा। एसडीएम ने बताया कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में लेखपालों की टीम तैनात की गई है। दो गांवों में नावों का संचालन शुरू कराया गया है।


रिपोर्ट :- अनिकेत शर्मा, हेड क्राइम रिपोर्टर, उन्नाव

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