आईएएस बनने के बाद अपने गांव पहुंच जागृति, ग्रामीणों ने किया भव्य स्वागत
आईएएस बनने के बाद अपने गांव पहुंच जागृति, ग्रामीणों ने किया भव्य स्वागत
ब्रेकिंग न्यूज
फतेहपुर आईएएस बनने के बाद अपने गांव पहुंचीं जागृति ग्रामीणों ने किया भव्य स्वागत चौखट पर मत्था टेक घर में किया प्रवेशजागृति ने कहा कि स्कूल में जब पढ़ाया जाए तब ध्यान से सुनें होमवर्क पूरा रखें लिखकर पढ़ने की आदत डालें हिंदी मीडियम में अपने को कमजोर न समझें अपने ज्ञान को बढ़ाएं ज्ञान वर्धक बातें सुनें खुद पर भरोसा रखेंआईएएस बिटिया के यूपी एससी परीक्षा में चयन के बाद जनपद में प्रथम आगमन पर जमकर जश्न मनाया गया पैतृक गांव नसेनिया से लेकर जिला मुख्यालय तक में जागृति अवस्थी के सम्मान में कार्यक्रम आयोजित किए गए शहर के जयराम नगर में रहने वाले अपने चाचा के घर पहुंची जागृति का फूलमाला से स्वागत किया गया यहां उनसे मिलने और बधाई देने के लिए सदर विधायक विक्रम सिंह पहुंचे इसके बाद जागृति के सम्मान में शहर के शादीपुर स्थित एक गेस्ट हाउस में सम्मान समारोह आयोजित किया गया जहां शहर के गणमान्य लोगों की मौजूदगी में भाजपा जिलाध्यक्ष आशीष मिश्र पूर्व जिलाध्यक्ष प्रभुदत्त दीक्षित मनोज मिश्र स्मिता सिंह अंजू त्रिपाठी और राकेश त्रिवेदी ने प्रतीक चिन्ह देकर जागृति को सम्मानित किया अमौली प्रतिनिधि के अनुसार नसेनिया गांव में आईएएस बेटी जागृति का उत्साह व भाव पूर्ण स्वागत धूमधाम से किया गया। शुक्रवार को सुबह गांव से 12 किलोमीटर दूर जहानाबाद के बाहर कई नवयुवक बाइकों से ढोल बाजे के साथ बहन की अगवानी करने पहुंच गए।आते ही जय घोष के साथ सभी ने स्वागत किया रास्ते में प्राचीन शिव मंदिर में प्रवेश कर मत्था टेका घर पहुंचते ही अपनी देहरी को मत्था रखकर प्रणाम किया फिर सबसे अपनी तरह से मिलना शुरू किया उन्होंने जब गांव की भाषा में कहा कि हम हेई की माटी में खेली हन हमका हेन ते बहुत लगाव है सुनकर लोग भाव विभोर हो गए बेटी ने कहा गांव में प्रतिभाओं की कमी नहीं है अब मुझे विश्वास है कि हमारे गांव से कोई नंबर एक रैंक हासिल करेगा बच्चों कों संबोधित करते हुए कहा कि स्कूल में जब पढ़ाया जाए तब ध्यान से सुनें होमवर्क पूरा रखें लिखकर पढ़ने की आदत डालें।
हिंदी मीडियम में अपने को कमजोर न समझें अपने ज्ञान को बढ़ाएं ज्ञान वर्धक बातें सुनें खुद पर भरोसा रखें जो आपको बोले कि कुछ नहीं कर पाओगे उससे दूरी बना लो यहां की मिट्टी और संस्कृति में सब संभव है जो चाहो बन सकते हो बेटियों को आगे बढ़ाने की जिम्मेदारी परिवार की होती है जब मैं निकल सकती हूं तो और क्यों नहीं।
रिपोर्ट :- आशीष विश्वकर्मा, हेड क्राइम रिपोर्टर
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