सरकारी मशीनरी की लापरवाही के चलते निराश्रित गोवंश बने किसानों की बवाले जान : पुनीत मिश्रा
सरकारी मशीनरी की लापरवाही के चलते निराश्रित गोवंश बने किसानों की बवाले जान : पुनीत मिश्रा
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हरदोई।साल 2017 के आम चुनाव मे भाजपा को 300 से अधिक सीटे जिताकर प्रचण्ड बहुमत की सरकार देकर उप्र की जनता ने परिकल्पना की कि इस बार भ्रष्टाचार मुक्त शासन विकास के नये कीर्तिमान स्थापित करेगा। लेकिन किसानों के मुद्दों पर सरकार पूरी तरह फेल हो गयी।यह उदगार भारतीय किसान मजदूर यूनियन दशहरी के जिलाध्यक्ष पुनीत मिश्र ने एक मुलाकात के दौरान व्यक्त किये। किसान ने कहा कि उप्र की योगी सरकार ने किसी हद तक सड़क, स्वास्थ्य, कानून व्यवस्था, नौकरी नियुक्तियों में पारदर्शिता के साथ महिला सुरक्षा के क्षेत्र में सुधार किया इसमे कोई सन्देह नही है लेकिन खेती किसानी के मुद्दे पर सरकार पूरी तरह फेल साबित हुई है।
निराश्रित गोवंशो की प्रमुख समस्या बताते हुये श्री मिश्र ने कहा कि सरकार ने गोआश्रयशाला बनवाने की बडी योजना चलायी लेकिन सरकारी मशीनरी व जनप्रतिनिधियों की लापरवाही पूर्ण रवैया के चलते जहाँ वास्तव मे गोआश्रयशाला की जरूरत थी वहाँ न बनवा कर अपने कार्यकर्ताओ को लाभान्वित करने के उद्देश्य से उनके बताये अनुसार बनवाये गये जो कि पूरी तरह अनुपयुक्त साबित हो रहे है।इसके साथ ही समय समय पर तमाम दिशा निर्देश होने के बाद भी सरकारी जिम्मेदार कुम्भकर्णी नीद मे सोते रहे परिणामस्वरूप आज गोवंश किसानों के लिये बवाले जान बने हुये है। इस समय कडकडाती ठण्ड मे किसान रातदिन खेतों मे रहने को मजबूर हो रहे है। इतना ही नही आवारा छुट्टा घूम रहे मवेशियों के कारण बड़ी संख्या में सड़क दुर्घटना व अन्य कारणों से भारी जनहानि भी हुई है। फिलहाल सरकार को इस समस्या के स्थाई समाधान और आवारा पशुओं की जीवन रक्षा पर प्राथमिकता से ध्यान देना चाहिए था नही हो सका जो कि विचारणीय अवश्य है।
रिपोर्ट :- अवनीश कुमार, रिपोर्टर
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